Home Loan : अब होम लोन केवल उन लोगों का सहारा नहीं रह गया है जिनके पास घर खरीदने के लिए पर्याप्त धन नहीं है। जिनके पास पूरा पैसा है, वे भी होम लोन लेना पसंद करते हैं। यह प्रवृत्ति दर्शाती है कि बहुत से लोग होम लोन के कई फायदे जानते नहीं हैं। वित्तीय रणनीति की दृष्टि से, होम लोन एक बुद्धिमान वित्तीय उपकरण है जो न केवल तत्काल लाभ देता है बल्कि दीर्घकालिक वित्तीय योजना में भी महत्वपूर्ण है।
होम लोन लेना सिर्फ एक वित्तीय फैसला नहीं है; यह एक रणनीतिक फैसला है जो कई मायनों में फायदेमंद है। इस लेख में हम जानेंगे कि एक बुद्धिमान निवेशक पैसे होने पर भी होम लोन लेने को क्यों महत्व देता है। यह समझना आवश्यक है कि आज के समय में होम लोन एक उपकरण है जो सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो कई गुना अधिक लाभ दे सकता है।
कानूनी सत्यापन और संपत्ति की सुरक्षा
होम लोन लेने का सबसे बड़ा फायदा, जो अक्सर अनदेखा किया जाता है, यह है कि इससे संपत्ति का पूरा कानूनी सत्यापन होता है। जब कोई बैंक आपको घर का लोन देता है, तो वह सभी कानूनी दस्तावेजों (जैसे टाइटल डीड, रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट्स, क्लियर टाइटल सर्टिफिकेट) की सत्यता को देखता है। बैंक अपनी तकनीकी और कानूनी शाखा से यह सुनिश्चित करता है कि सभी अधिकार वैध हैं और संपत्ति पर कोई कानूनी विवाद नहीं है। यह प्रक्रिया खरीदार को सुरक्षा प्रदान करती है।
इस कानूनी जांच में बैंक यह भी सुनिश्चित करता है कि संपत्ति पर कोई पूर्व बंधक नहीं है, सभी करों का भुगतान हो चुका है और बिल्डर या विक्रेता को संपत्ति बेचने का पूरा अधिकार है। यह व्यापक सत्यापन प्रक्रिया खरीदार को भविष्य में कानूनी मुसीबत से बचाता है। जबकि होम लोन लेने पर यह सुविधा मुफ्त में दी जाती है, एक व्यक्तिगत खरीदार के लिए इतनी गहन जांच करना न केवल मुश्किल है बल्कि महंगा भी हो सकता है।
यह भी पढ़ें:
कर लाभ के व्यापक अवसर
होम लोन का दूसरा सबसे बड़ा लाभ इसके माध्यम से मिलने वाले काफी बड़े कर लाभ हैं। आयकर अधिनियम के सेक्शन 24(b) के तहत होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर हर वर्ष 2 लाख रुपये तक की कर छूट मिल सकती है। यदि आप उस घर में अकेले रहते हैं, तो आपको यह छूट मिलती है। यदि घर किराए पर दिया गया है, तो ब्याज की पूरी राशि पर कर छूट मिलती है, जो अक्सर दो लाख से अधिक हो सकती है।
आयकर अधिनियम के सेक्शन 80C में होम लोन के मूलधन चुकौती पर 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त कर छूट दी गई है। यदि पति-पत्नी मिलकर होम लोन लेते हैं, तो दोनों अलग-अलग कर बचत उठा सकते हैं, जिससे कुल कर बचत दोगुनी होती है। यह कर बचत उच्च आय वाले लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और इससे वास्तविक ब्याज की लागत बहुत कम होती है। 30 प्रतिशत टैक्स स्लैब में आने वाले व्यक्ति की होम लोन की वास्तविक लागत इस कर बचत से काफी कम हो जाती है।
वित्तीय तरलता और बचत को बचाने
वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि घर खरीदने में अपनी पूरी बचत लगाना बुद्धिमानी नहीं है। होम लोन लेकर आप अपनी तरलता बनाए रख सकते हैं, जो आपातकालीन समय में बहुत फायदेमंद साबित होता है। यदि आपके पास पच्चीस लाख रुपये हैं और आप पूरे धन को घर में लगा देते हैं, तो आपके पास अचानक आने वाली मेडिकल इमर्जेंसी, व्यापारिक अवसरों या अन्य आवश्यक खर्चों के लिए तत्काल धन नहीं होगा। आप होम लोन लेकर अपना कैश फ्लो बनाए रख सकते हैं और इसे अन्य निवेशों में लगा सकते हैं।
यह भी पढ़ें:
वर्तमान में होम लोन की ब्याज दर से अधिक रिटर्न देने वाले कई निवेश विकल्प उपलब्ध हैं। यदि होम लोन दर 8.5 प्रतिशत है और आप इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करके 12 से 15 प्रतिशत का रिटर्न पा सकते हैं, तो यह एक लाभकारी रणनीति हो सकती है। इसके अलावा, मुद्रास्फीति के कारण पैसे की वैल्यू समय के साथ कम हो जाती है, लेकिन फिक्स्ड EMI के रूप में आप वास्तव में कम वैल्यू चुका रहे होते हैं। यह इंफ्लेशन हेज की तरह है।
सुविधा और लचीलापन
होम लोन में टॉप-अप की सुविधा है, जो इसे और भी आकर्षक बनाती है। जब आपका होम लोन कुछ समय चलने के बाद एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड बना लेता है, तो बैंक आपको टॉप-अप लोन की सुविधा देता है। घर की कुछ आवश्यकताओं, जैसे होम इंटीरियर, रेनोवेशन, अतिरिक्त कमरे बनाना या कुछ और, इस राशि से पूरा हो सकता है। टॉप-अप लोन की सबसे अच्छी बात यह है कि पर्सनल लोन की तुलना में काफी कम ब्याज दर देता है, जो होम लोन की समान है।
टॉप-अप होम लोन की ब्याज दर आमतौर पर 8-10 प्रतिशत होती है, जबकि पर्सनल लोन की ब्याज दर 12-18 प्रतिशत तक होती है। टॉप-अप लोन मौजूदा लोन का विस्तार होता है, इसलिए कोई और कानूनी शुल्क या प्रक्रिया शुल्क नहीं देना पड़ता। टॉप-अप की राशि को अन्य विकल्पों में निवेश करने के लिए भी खर्च किया जा सकता है जो होम लोन की लागत से अधिक ब्याज दे सकते हैं। यही कारण है कि होम लोन एक बहुआयामी वित्तीय उपकरण है।
यह भी पढ़ें:
होम लोन का निवेश रणनीति में महत्व
आजकल, होम लोन को सिर्फ एक ऋण नहीं देखा जाता, बल्कि एक रणनीतिक निवेश उपकरण के रूप में देखा जाता है। लीवरेज की अवधारणा के अनुसार, कम ब्याज दर पर धन उधार लेकर उसे अधिक रिटर्न देने वाले क्षेत्रों में निवेश करना एक प्रभावी उपाय हो सकता है। होम लोन की EMI को 30 से 40 प्रतिशत तक रखना सुरक्षित है; इससे बाकी पैसे को अन्य निवेशों में लगाया जा सकता है।
आप होम लोन के माध्यम से भी क्रेडिट हिस्ट्री बना सकते हैं, जो आपको भविष्य में अन्य प्रकार के लोन लेने में मदद करेगा। नियमित EMI भुगतान आपके क्रेडिट स्कोर को सुधार देता है, जो आपको बैंकिंग सिस्टम में अधिक विश्वसनीय बनाता है। भविष्य में व्यापारिक लोन, कार लोन और अन्य वित्तीय सुविधाओं का लाभ उठाने में यह विश्वसनीयता मदद करेगी। ऐसे में होम लोन दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों की प्राप्ति में योगदान देता है और एक विस्तृत वित्तीय रणनीति का हिस्सा बन जाता है।
Disclaimer:
यह लेख जानकारी के लिए लिखा गया है। होम लोन लेने से पहले एक वित्तीय सलाहकार से परामर्श लें। टैक्स बेनिफिट्स और ब्याज दरों की जानकारी के लिए संबंधित बैंक और आयकर विभाग की सबसे नवीनतम अधिसूचनाओं को देखें। लोन के नियम बैंक और समय के अनुसार बदल सकते हैं।