रुद्रप्रयाग / गुप्तकाशी : केदारनाथ से गुप्तकाशी लौट रहे Aryan Heli Aviation के हेलिकॉप्टर का Gauri Mai Khark, जो गौरीकुंड से लगभग 5 किमी ऊपर जंगल क्षेत्र में स्थित है, रविवार सुबह 05:24 बजे को कोहरे के कारण पेड़ से टकराकर क्रैश हो गया। इस हादसे में कप्तान सहित सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की जांच के सिलसिले में कंपनी के दो मैनेजरों पर मुकदमा दर्ज कराया गया है और DGCA ने कंपनी का संचालन तत्काल निलंबित कर दिया है।
घटना का क्रम
- 05:11 AM – केदारनाथ हेलिपैड से हेलिकॉप्टर उड़ान भरी।
- 05:21 AM – वैली प्वाइंट पार करते हुए गुप्तकाशी की ओर बढ़ने लगा।
- 05:24 AM – गुप्रिकुंड के जंगल में घने कोहरे के बीच हेलिकॉप्टर पहले थोड़ा मुड़ा, फिर पीछे की ओर झुका और अचानक पेड़ से टकरा कर नीचे गिरा। जोरदार धमाके के बाद आग लग गई।
स्थानीय निवासियों, विशेषकर नेपाली मूल की श्रमिका और उसकी बहन संजू ने बताया कि “हेलिकॉप्टर थोड़ा मुड़ा, पीछे की तरफ गया और फिर पेड़ से टकराकर गिर पड़ा। आग की लपटों के बीच कुछ दिखाई नहीं दे रहा था”।
मृतकों की पहचान
- Lt. Col. Rajveer Singh Chauhan (पायलट), शास्त्री नगर, जयपुर।
- राजकुमार सुरेश जायसवाल (41) और पत्नी श्रद्धा जायसवाल (35), महाराष्ट्र।
- उनकी 23 महीने की पुत्री।
- विक्रम सिंह रावत (46), उखीमठ, रुद्रप्रयाग।
- विनोद देवी (66) और तुष्टि सिंह (19), बिजनौर, यूपी।
सभी शवों को पहले गौरीकुंड भेजा गया और फिर रुद्रप्रयाग के जिला अस्पताल में भेजा गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन
06:13 AM – एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डी़ड़्ढी़ार्अफ़ टीमों और पुलिस को हादसे की सूचना मिली।
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चुनौतीपूर्ण स्थिति: घने जंगल और शून्य विजिबिलिटी थी, जिससे बचाव दल को दुर्घटनास्थल पहुंचने में लगभग दो घंटे लग गए।
कंपनी पर कानूनी कार्रवाई
- फाटा राजस्व उप-निरीक्षक ने सोनप्रयाग पुलिस स्टेशन में विकास तोमर (बेस मैनेजर) और कौशिक पाठक (एकाउंटेबल मैनेजर) के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोप:
- DGCA और UKADA के SOP का उल्लंघन।
- तय किए गए फ्लाइट स्लॉट (06–07 AM) से पहले 05:11 AM उड़ान शुरू की गई — यह गंभीर लापरवाही मानी गई।
- आईपीसी 105/2025, भारतीय जस्टिस कोड 2023, और वायुयान अधिनियम 1934 की धारा 10 में मुकदमा दर्ज।
पुलिस ने पुष्टि की कि जांच जारी है और आगे की कार्रवाई की जा रही है।
मौसम या प्रोटोकॉल उल्लंघन?
- मौसम विभाग ने पुष्टि की कि दुर्घटनास्थल पर visibility लगभग शून्य थी।
- हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि यदि फ्लाइट सही समय पर लाई गई होती तो मौसम की जटिलताएं बेहतर ढंग से समझी जातीं और सुरक्षा सुनिश्चित होती।
DGCA ने उठाए कदम
- चारधाम हेलिकॉप्टर ऑपरेशन पर दो दिन के लिए तत्काल रोक।
- Trans Bharat Aviation के दो पायलटों पर भी समान आरोप—निलंबन।
- हेलिकॉप्टर का Black Box बरामद कर जांच शुरू।
विशेषज्ञों का कहना है कि चारधाम यात्रा के दौरान हेलिकॉप्टर दुर्घटनाओं में यह एक नया और खतरनाक रुझान है।
सरकारी प्रतिक्रियाएँ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शोक जताया, मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख मुआवजा देने की घोषणा की और DGCA मानकों के उल्लंघन पर सख्त कार्यवाही की बात कही।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने हादसे को “बहुत दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और कहा कि जांच पूरी हो जाने पर उड़ानों को फिर से जारी रखा जाएगा।
एविएशन सुरक्षा पर चिंतन
विशेषज्ञ सुझाव दे रहे हैं:
- हेलिकॉप्टर उड़ान केवल उच्च हिमालयी पायलटों द्वारा होनी चाहिए।
- खराब विजिबिलिटी में उड़ान याक़ीनन रोकी जाए।
- फ्लाइट स्लॉट और pre-flight weather briefing सख्ती से पालन की जाए।
आगे की कार्रवाई
DGCA की जांच में शामिल हैं:
यह भी पढ़ें:
- Black Box और कोर-कॉकपिट रिकॉर्डिंग्स की तकनीकी जांच।
- दुर्घटना स्थल की फॉरेंसिक जांच: फ्लैप, इंजन स्टेटस और नियंत्रण प्रणाली।
- मौसम विवरण व SID के बीच टाइमलाइन मिलान।
- SOP उल्लंघन की जांच और दोषों को दोषी ठहराना।
नेचर और मानव भूल की त्रासदी
यह Kedarnath हेलिकॉप्टर हादसा केवल खराब मौसम का परिणाम नहीं है, बल्कि SOP उल्लंघन और लापरवाही का भी प्रतीक है। सात निर्दोष जीवन—including एक मासूमToddler—इस घटना के चपेट में आकर खो दिए गए। DGCA और पुलिस जांच यह तय करेंगे कि वास्तविक दोषी मौसम था या समय से पहले उड़ान भरने का निर्णय, लेकिन प्रारंभिक दस्तावेज़ बताते हैं कि यह दुर्घटना अनिवार्य रूप से टाली जा सकती थी।
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